Date : May 21, 2025
मृत्यु के बारे में बात करना आसान बात नहीं है। जिस व्यक्ति के निधन पर हम शोक मना रहे हैं उसकी उम्र चाहे जो भी हो, कई प्रश्न अनुत्तरित रह जाते हैं। जब किसी युवा की मृत्यु होती है तो हम प्रश्न करते हैं की, 'मृत्यु इतनी जल्दी क्यों आ गई?' हम सोचते हैं, ‘परमेश्वर कहाँ है? क्या वह इस व्यक्ति को थोड़ी दिन और पृथ्वी पर नहीं रख सकते थे?’ जब भी मैं किसी के निधन की खबर सुनता हूँ, तो मैं 1986 को याद करता हूँ - जब मैंने एक सड़क दुर्घटना में अपनी छोटी बहन को खो दिया था। मेरी बहन एंजेल केवल 17 वर्ष की थी जब परमेश्वर उसे अपने पास ले गए।
परिवार में हम सभी के लिए यह अलगाव असहनीय था। हम दो महीने तक बेसुध होकर रोते रहे। जब हम घर के चारों ओर देखते और उससे जुड़ी चीजों को देखते, तो हम टूट जाते। जब हम उसके बिना खाली घर में जाते - और उसका मुस्कुराता हुआ चेहरा हमारा स्वागत करते हुए नहीं पाते - तो हमारा दिल दुख से फट जाता था।
लेकिन उस परिस्थिति में भी, परमेश्वर ने हमें प्रार्थना करने की कृपा दी। हम सांत्वना और शक्ति के लिए केवल यीशु की ओर ही देख सकते हैं। एक दिन, जब हम पारिवारिक प्रार्थना कर रहे थे, तब यीशु हमारे मध्य उपस्थित हुए। हमने महसूस किया कि उसकी पवित्र आत्मा ने हमें उस आनन्द से भर दिया जो केवल वही दे सकते हैं। मेरी बहन के गुजर जाने के बाद पहली बार हमें आत्मिक रूप से हल्कापन महसूस हुआ। बाइबल में हमें यीशु के ये वचन मिलते हैं: "मैं फिर तुम्हारे पास आऊंगा और तुम्हारा शोक आनन्द में बदल जाएगा। " (यूहन्ना 16:20) यीशु जो वादा करते हैं, वे हमेशा उसे पूरा करते हैं। जब हम प्रार्थना की अवस्था में थे, तब प्रभु यीशु ने मेरे पिता डी.जी.एस. दिनाकरन के माध्यम से कहा, "एंजेल मेरे साथ है। वह स्वर्ग की महिमा में है, जहाँ कोई पीड़ा या दुःख नहीं है। मैं जानता हूँ कि उसे खोने के कारण तुम दुःख से बोझिल हो। मैं भी तुम्हारे साथ रो रहा हूँ। अगर मैं तुम्हें अभी कारण बताऊँगा, तो तुम समझ नहीं पाओगे। लेकिन मैं चाहता हूँ कि तुम जान लो कि मैंने शैतान को चुनौती दी है कि तुम इस दुःख के बीच भी मेरा अनुसरण करोगे। क्या तुम मुझे निराश करोगे?” जब हमने परमेश्वर को हमसे इस तरह बात करते सुना, तो हमने कहा, “हे परमेश्वर, हम कहाँ जाएँगे? कृपया हमें बिना किसी सवाल के आप पर पूरी तरह से आप पर विश्वास करने की कृपा दें। हम जानते हैं कि आप हमसे प्रेम करते हैं और जो लोग आपसे प्रेम करते हैं उनके लिए सब कुछ अच्छा होता है। हम जानते हैं कि एक दिन हम स्वर्ग में आकर आपको और एंजेल को देखेंगे।”
उस दिन से, हमने अपने सेवकाई पर ज्यादा ध्यान देना शुरू कर दिया। हमने कारूण्या विश्वविद्यालय, यीशु बुलाता है प्रार्थना भवन और सीशा नामक गैर-लाभकारी संगठन की स्थापना की, जिसका उद्देश्य भारत भर में आशाहीनों का उत्थान करना है।
यह सच है कि परमेश्वर का अलौकिक आनन्द हर उस दुःखी हृदय को भर देता है जो उससे प्रार्थना करते हैं। परमेश्वर को "दया का पिता और सब प्रकार की शान्ति का परमेश्वर" कहा गया है। (2 कुरिन्थियों 1:3) प्रभु यीशु स्वयं आपको शान्ति प्रदान करेंगे जैसा कि उसने कहा है: "मैं तुम्हें शान्ति दिए जाता हूँ, अपनी शान्ति तुम्हें देता हूँ; जैसे संसार देता है, मैं तुम्हें नहीं देता" (यूहन्ना 14:27)
जब किसी को कम उम्र में ले जाया जाता है, तो शोक संतप्त व्यक्ति को फिर से परमेश्वर के वचनों में उत्तर मिल सकता है: "धर्मी जन नष्ट होता है, और कोई इस बात की चिन्ता नहीं करता; भक्त मनुष्य उठा लिए जाते हैं, परन्तु कोई नहीं सोचता। धर्मी जन इसलिये उठा लिया गया कि आनेवाली आपत्ति से बच जाए।" (यशायाह 57:1) हाँ, हम सभी को एक दिन जाना ही है। पृथ्वी पर जीवन किसी न किसी समय समाप्त होता है। फिर भी, हम देखते हैं कि जब तक हम जीवित हैं, तब तक हर चीज के लिए एक निश्चित समय होता है। और परमेश्वर हर चीज को उसके समय पर सुंदर बनाते हैं। (सभोपदेशक 3:1-11)
उसके वचन पर भरोसा रखें। प्रभु यीशु जानते हैं कि आप किस परिस्थिति से गुजर रहे हैं। वह हर कदम पर आपका मार्गदर्शन करेंगे और आपको सांत्वना देंगे।
- डॉ. पॉल दिनाकरन